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काग़ज़ी है पैरहन हर पैकर-ए-तस्वीर का <br><br>
कावे-कावे सख़्तजानी हाये हाय तन्हाई न पूछ <br>
सुबह करना शाम का लाना है जू-ए-शीर का <br><br>
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