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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अली सरदार जाफ़री }} <poem> एक शे’र२ ========= अपने बेबाक न...
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{{KKRachna
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
}}
<poem>

एक शे’र२
=========
अपने बेबाक निगाहों में समाया न कोई
और वह है कि हर इक ताज़ा ख़ुदा से ख़ुश है
</poem>