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<Poem
बूढी औरत को
 
पानी भी रेत की तरह दिखाई देता है
 कभी-कभी वह ठंडी सांस साँस छोड़ती है 
तो याद करती है
 
बचपन में उसे रेत
 
पानी की तरह दिखाई देती थी ।
</poem>
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