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एक नीला आईना बेठोस / शमशेर बहादुर सिंह
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13:13, 17 अप्रैल 2008
अखिल की हठ-सी ।
चाँदनी
चांदनी
में घुल गए हैं
बहुत-से तारे, बहुत कुछ
Pratishtha
KKSahayogi,
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