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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=रहीम}}[[Category:दोहे]]धनि रहीम गति मीन की, जल बिछुरत जिय जाय । <BR/>
जियत कंज तजि अनत बसि, कहा भौंर को भाय ॥ 101 ॥ <BR/><BR/>