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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=रहीम}}[[Category:दोहे]]रहिमन थोरे दिनन को, कौन करे मुंह स्याह । <BR/>
नहीं छनन को परतिया, नहीं करन को ब्याह ॥ 201 ॥ <BR/><BR/>