भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=रवीन्द्रनाथ ठाकुर |संग्रह=}}<poem>रास्‍ते में जब हमारी आंखें मिलती हैं
मैं सोचता हूं मुझे उसे कुछ कहना था
पर वह गुजर जाती है
वह बात जो मुझे उसे बतानी थी ।
'''अंग्रेजी से अनुवाद - कुमार मुकुल</poem>