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Kavita Kosh से
पनघट, कुँआ, बावड़ी व्याकुल<br />
व्याकुल बछड़ा गैया<br />
अब तो आस तुझी से बादल<br />क्यों कंगाल हुआ।<br />जाने क्या हो गया, कि<br />सूरज इतना लाल हुआ।।<br />