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जुज़<ref>के सिवा </ref> वहम नहीं हस्ती-ए-अशिया<ref>हस्ती जैसी चीज़</ref> मेरे आगे
होता है निहाँ <ref>प्रकटलुप्त </ref>गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं<ref>माथा</ref> ख़ाक पे दरिया मेरे आगे
क्यों कर कहूँ लो नाम न उसका मेरे आगे
ईमाँ मुझे रोके है तो जो खींचे है मुझे कुफ़्र
काबा मेरे पीछे है कलीसा<ref>गिरजाघर</ref> मेरे आगे
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