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चंद और शेर / फ़ानी बदायूनी

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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=फ़ानी बदायूनी|संग्रह=}}निगहे-क़हर ख़ास है मुझपर।
यह तो अहसाँ हुआ सितम न हुआ॥