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मां है रेशम के कारखाने में / अली सरदार जाफ़री
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03:16, 12 जुलाई 2009
अपने मजबूर पेट की खातिर
भूक
सर्माये
सरमाये
की बढ़ाएगा
यह जो नन्हा है भोला भाला है
खूनीं
सर्माये
सरमाये
का निवाला है
पूछती है यह इसकी खामोशी
कोई मुझको बचाने वाला है!
द्विजेन्द्र द्विज
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