Changes

अमजद हैदराबादी / परिचय

3,401 bytes added, 10:48, 18 जुलाई 2009
नया पृष्ठ: हज़रत अमजद १८८४ ई. में हैदरावाद में पैदा हुए। आपके जन्म के चालीस ...

हज़रत अमजद १८८४ ई. में हैदरावाद में पैदा हुए। आपके जन्म के चालीस रोज़ बाद पिता का निधन हो गया। माता के अतिरिक्त कोई ऐसा कुटुम्बी य रिश्तेदार नहीं था, जो भरण-पोषण का भार उठाता। आमदनी का कोई ज़रिया नहीं था। ज़िन्दगी निहायत तकळीफ़ से बसर होती थी।

फिर भी विधवा और असहाय माँ ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत-मज़दुरी करके अमजद का भरण-पोषण ही नहीं किया, अपितु उन्हें उन दिनों के रिवाज़ के अनुसार फ़ारसी की उच्च शिक्षा भी दिलाई। अमजद बहुत परिश्रमी और अध्ययनशील थे। जिन उस्ताद से आपने फ़ारसी का अध्ययन किया, वे आपके मकान से १४ मील दूर रहते थे। फिर भी, आप उनके पास दौनिक पढ़ने जाते थे। इस परिश्रम का परिणाम यह हुआ कि आपने फ़ारसी में मुंशी फ़ाज़िल की सर्वोच्च डिग्री प्राप्त की।

महाराजा सर किशन प्रसाद ‘शाद’ जो कि हैदराबाद राज्य के प्रधान मंत्री थे, अधिक से अधिक शायरों का समागम बनाए रखते थे। उन जैसे मेहमाँ-नवाज़ कद्रदाँ, कला पारखी और उदार हृदयी प्रधान शासक जहाँ मौजूद हो और स्वयं नवाब हैदराबाद मिर्ज़ा ‘दाग़’ के शिष्य हों, और शेरो-शायरी में दिलचस्पी लेते हों, उस हैदराबाद का क्या कहना! दाग़ के अतिरिक्त उत्तरी भारत से ‘स्ररशार’, ‘तुर्की’, ‘गिरामी’, ‘ज़हीर’ वगैरह भी रौनक अफ़्रोज़ थे। इसी वातावरण में अमजद भी परवान चढ़ रहे थे।

जिविकोपार्जन के लिए आप स्कूल में शिक्षक हो गए और उसी अल्प वेतन में स्वाभिमान के साथ सन्तोषपूर्वक जीवन-निर्वाह कर रहे थे। आप स्वाभिमानी, महमान-नवाज़, विनम्र और सरल व सादा स्वभाव के बुज़ुर्ग थे।