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साथ हरदम भी बेनकाब नहीं / गुलाब खंडेलवाल
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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
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साथ हरदम भी बेनकाब नहीं
खूब पर्दा है यह! जवाब नहीं
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