भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्तियों में बंद होंगे।
 
वर्णमाला में दुखों की
बीन–सा मत तोड़ जाना।
 
पी गई सारा अंधेरा
प्रात को संध्या बनाकर
 
सूर्य–सा मत छोड़ जाना।