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Kavita Kosh से
स्टील, लोहा, सोना, चांदी
जो मिले, ले रीढ़ मढ़ ले!
तू पीठ सीधी . . .
आज तू काजल लगा ना
झूमर में हैं जो दो सितारे
कर यत्न, आँखों में उतर लें!
तू पीठ सीधी . . .
गूढ़तम जो प्रश्न होगा
ना रामशलाकाप्रश्नावली ये जीवन
तू जी इसे, उत्तरत कर ले!
तू पीठ सीधी रख ओ लड़की!