भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा ।<br>
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ॥
तन मन धन सब है तेरा, स्वामी सब कुछ है तेरा <br>
तेरा तुझको अरपन, क्या लागे मेरा!