भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी ! / फ़राज़

1,256 bytes added, 12:15, 25 अगस्त 2009
* [[ये जान कर भी कि दोनों के रास्ते थे अलग / फ़राज़]]
* [[वही इश्क़ जो था कभी जुनूँ उसे रोज़गार बना दिया / फ़राज़]]
* [[मैं तो मक़तल में भी क़िस्मत का सिकंदर निकला / फ़राज़]]
* [[तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि एक अजनबी दोस्त / फ़राज़]]
* [[हुए जाते हैं क्यों ग़मख़्वार क़ातिल / फ़राज़]]
* [[हिज्र-ए-जानाँ की घड़ी अच्छी लगी / फ़राज़]]
* [[दिल में आ बैठी ग़ज़ल सी वह गज़ाल / फ़राज़]]
* [[फ़क़त हुनर ही नहीं ऐब भी कमाल के रख / फ़राज़]]
* [[दोस्तों यों भी न रखो ख़ुमो-पैमाना खुले / फ़राज़]]
* [[होंठ हीरों से न चेहरा है सितारे की मिसाल / फ़राज़]]
* [[नए सफ़र में अभी एक नुक़्स बाक़ी है / फ़राज़]]
* [[तेरी हीरों सी आँखें तेरी याक़ूत से लब / फ़राज़]]
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits