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दिल अगर फूल सा नही नहीं होतायू यूँ किसी ने छला नही नहीं होता
था ये बेहतर कि कत्ल कर देती
रोते रोते मरा नही नहीं होता
दिल में रहते है दिल रुबाओं दिलरुबाओं केआशिको आशिकों का पता नही नहीं होता
ज़िन्दगी ज़िन्दगी नही नहीं तब तकइश्क जब तक हुआ नही नहीं होता
पाप की गठरी हो गई भारी
वरना इतना थका नही नहीं होता
होश में रह के ज़िन्दगी जीता
तो यू यूँ रुसवा हुआ नही होता
जुर्म हालात करवा देते है
आदमी तो बुरा नही नहीं होता
ख़ुद से उल्फत जो कर नही नहीं सकतावो किसी का सगा नही नहीं होता
क्यों ये दैरो हरम कभी गिरते
आदमी ग़र गिरा नहीं होता
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