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[[Category:बाल{{KKCatBaalKavita}}<poem>खुली पाठशाला फूलों कीपुस्तक-कविताएँ]]कॉपी लिए हाथ मेंफूल धूप की बस में आए
खुली पाठशाला फूलों की<br>पुस्तक-कॉपी लिए हाथ कुर्ते में<br>जँचते गुलाब तोफूल धूप की बस टाई लटकाए पलाश हैं,चंपा चुस्त पज़ामें में आए<br><br>हैहैट लगाए अमलताश है ।
कुर्ते में जँचते गुलाब तो<br>सूरजमुखी मुखर है ज़्यादाटाई लटकाए पलाश हैंकिंतु मोंगरा अभी मौन है,<br>चंपा चुस्त पज़ामें में चपल चमेली है -<br>स्लेक्स मेंहैट लगाए अमलताश पहचानों तो कौन-कौन है ।<br><br>
सूरजमुखी मुखर गेंदा नज़र नहीं आता है ज़्यादा<br>किंतु मोंगरा अभी मौन जुही कहीं छिपाकर बैठी है,<br>चपल चमेली जाने किसने छेड़ दिया है स्लेक्स में<br>पहचानों तो कौनग़ुलमोहर ऐंठी-कौन ऐंठी है ।<br><br>
गेंदा नज़र नहीं आता है<br>सबके अपने अलग रंग हैंजुही कहीं छिपाकर बैठी हैसब हैं अपनी गंध लुटाए,<br>जाने किसने छेड़ दिया है -<br>फूल धूप की बस में आए ग़ुलमोहर ऐंठी-ऐंठी है मुस्कानों के बैग सजाए ।<br><br>
सबके अपने अलग रंग हैं<br>सब हैं अपनी गंध लुटाए,<br>फूल धूप की बस में आए -<br>मुस्कानों के बैग सजाए । <br/poem>
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