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|संग्रह=
}}
[[Category:बाल{{KKCatBaalKavita}}<poem>झरते हैं फूल-कविताएँ]]पातडाली सेगंधाते शूल हैंमौसम की गाली से
झरते हैं फूल-पात<br>एक नहीं गंधडाली सेएक नहीं राग-रंग,<br>गंधाते शूल सबके हैं<br>खिलने केअलग-अलग ढंग वृक्षों के हालचाल मौसम की गाली पूछें क्यों माली से<br><br>
एक नहीं गंध<br>सूखे से कानन मेंएक नहीं राग-रंगमलयज के गीत,<br> सबके हैं खिलने लगते बेमानी-सेअर्थहीन लय के<br>अलगशब्दहीन-अलग ढंग <br>संगीतवृक्षों के हालचाल <br>चलता है कामकाजपूछें क्यों माली से<br><br>अक्षरों के राज में
सूखे से कानन में<br>मलयज के गीत, <br>लगते बेमानी-से<br>अर्थहीन लय के<br>शब्दहीन-संगीत<br>चलता है कामकाज<br>अक्षरों के राज में<br><br> शब्दों के हल्लो से, <br>अर्थों की ताली से<br/poem>
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