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|रचनाकार=दिविक रमेश
}}
[[Category:बाल-कविताएँ]]{{KKCatBaalKavita}}<poem>सूरज ने भेजा धरती पर<br>अपनी बेटी किरण धूप को<br>साथ खेलते धरती ने भी<br>उगा दिया झट हरी दूब को<br>दूब उगी तो देख गाय ने<br>हिला हिला मुँह उसको खाया<br>उसको खा कर खूब ढ़ेर सा<br>दूध थनों में उसके आया<br>दूध मिला तो दादी माँ ने<br>जामन दे कर उसे जमाया<br>दही जमा तो माँ ने उसको<br>खूब बिलोकर मक्खन पाया<br>देखा मक्खन तो मन बोला<br>झटपट भैया इसको खाओ<br>ताक रहे क्यों खड़े देर से<br>मत इसको इतना पिघलाओ<br>पर बोली माँ इसको खा कर<br>हाथी से तगड़े हो जाओ<br>मैं बोला माँ लेकिन पहले<br>
सूँड़ कहीं से तो ले आओ।
</poem>
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