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सुनो हुआ वह शंख-निनाद / केदारनाथ मिश्र 'प्रभात'
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14:09, 31 अगस्त 2009
[[Category:गीत]]
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सुनो हुआ वह शंख-निनाद!
नभ में गहन दुरूह दुर्ग का
द्वार खुला कर भैरव घोष,
सुन इसका संदेश अमोल
सुनो हुआ वह शंख-निनाद!
</poem>
Pratishtha
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