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[[Category:गीत]]
<poem>
</poem>सुनो हुआ वह शंख-निनाद!
नभ में गहन दुरूह दुर्ग का
द्वार खुला कर भैरव घोष,
सुन इसका संदेश अमोल
सुनो हुआ वह शंख-निनाद!
</poem>