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{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुदर्शन वशिष्ठ
|संग्रह=अनकहा / सुदर्शन वशिष्ठ
}}
<poem>महत्वपूर्ण है उनका
सत्ता में होने से
सत्ता में न होना।
उनका सत्ता में न होना
खबर है पत्राकारों के लिए
रहस्य है,रोमाँच है
आतँक भी है
उनका सत्ता में न होना
मौका है गठ जोड़ का
नए समीकरण का
उनका सत्ता में न होना
ख़बर है पत्रकारों के लिए
रहस्य है,रोमाँच है
आतंक भी है
उनका सत्ता में न होना
मौका है गठजोड़ का
नए समीकरण का
उनका सत्ता में न होना
मौका है अफसरों के लिए
करीब होने का
मौका है उन्हें भी झुठलाने का वह सब
जो अमल में लाया था खुद।
महत्वपूर्ण है उनका
ब्यान देने से चुप रहना
सभा में उपस्थित रहने से
अनुपस्थित रहना।
है तो यह सब अजीब
मगर सच है कि
महत्वपूर्ण है उनका शहर में होने से
शहर में न होना
उनके होने से उनका न होना।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=सुदर्शन वशिष्ठ
|संग्रह=अनकहा / सुदर्शन वशिष्ठ
}}
<poem>महत्वपूर्ण है उनका
सत्ता में होने से
सत्ता में न होना।
उनका सत्ता में न होना
खबर है पत्राकारों के लिए
रहस्य है,रोमाँच है
आतँक भी है
उनका सत्ता में न होना
मौका है गठ जोड़ का
नए समीकरण का
उनका सत्ता में न होना
ख़बर है पत्रकारों के लिए
रहस्य है,रोमाँच है
आतंक भी है
उनका सत्ता में न होना
मौका है गठजोड़ का
नए समीकरण का
उनका सत्ता में न होना
मौका है अफसरों के लिए
करीब होने का
मौका है उन्हें भी झुठलाने का वह सब
जो अमल में लाया था खुद।
महत्वपूर्ण है उनका
ब्यान देने से चुप रहना
सभा में उपस्थित रहने से
अनुपस्थित रहना।
है तो यह सब अजीब
मगर सच है कि
महत्वपूर्ण है उनका शहर में होने से
शहर में न होना
उनके होने से उनका न होना।
</poem>