भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुदर्शन वशिष्ठ |संग्रह=अनकहा / सुदर्शन वशिष्ठ }} <...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुदर्शन वशिष्ठ
|संग्रह=अनकहा / सुदर्शन वशिष्ठ
}}
<poem>घोड़े दौड़ रहे हैं सरपट रथ में जुने
सारथि की हुँकार पर दौड़ते
दिशा बदलते पैंतरे बदलते करतब दिखाते
घोड़े रथ हैं
दूसरो की दिघ्रभ्रमित करने वाली चाल का नाम घोड़े
हैं।

जहाँ घोडे अपनी चल से चकरा
धंसा देते हैं रथ का पहिया
वहाँ कर्ण की मौत होती है
सारथि का कौशल
जय-पराजय,यश-अपयश,जीवन-मृत्यु
घोड़े हैं।</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits