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आपका अनुरोध

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* ना मैं सो रहा हूँ ना तुम सो रही हो, मगर बीच में यामिनी ढल रही है (लेखक: [[हरिवंशराय बच्चन]])
* hum karen rashtra aaradhan (lekhak: [[jai shankar prasad]])
 
 
"हम करें राष्ट्र आराधन" गीत को मैं नीचे लिख रहा हूँ। पाठक इस गीत के लेखक के नाम की पुष्टि करें। ---- ललित कुमार<br><br>
 
हम करें राष्ट्र आराधन<br>
हम करें राष्ट्र आराधन<br>
तन से मन से धन से<br>
तन मन धन जीवन से<br>
हम करें राष्ट्र आराधन<br><br>
 
अन्तर से मुख से कृति से<br>
निश्छल हो निर्मल मति से<br>
श्रद्धा से मस्तक नत से<br>
हम करें राष्ट्र अभिवादन<br><br>
 
हम करें राष्ट्र अभिवादन<br>
हम करें राष्ट्र आराधन<br><br>
 
अपने हँसते शैशव से<br>
अपने खिलते यौवन से<br>
प्रौढता पूर्ण जीवन से<br>
हम करें राष्ट्र का अर्चन<br><br>
 
हम करें राष्ट्र का अर्चन<br>
हम करें राष्ट्र आराधन<br><br>
 
अपने अतीत को पढ़ कर<br>
अपना इतिहास उलट कर<br>
अपना भवितव्य समझ कर<br>
हम करें राष्ट्र का चिंतन<br><br>
 
हम करें राष्ट्र का चिंतन<br>
हम करें राष्ट्र आराधन<br><br>
 
है याद हमें युग-युग की<br>
जलती अनेक घटनायें<br>
जो माँ के सेवा पथ पर<br>
आयी बन कर विपदायें<br><br>
 
हमनें अभिषेक किया था<br>
जननी का अरि शोणित से<br>
हमनें श्रृंगार किया था<br>
माता का अरि मुंडो से<br><br>
 
हमनें ही उसे दिया था<br>
सांस्कृतिक उच्च सिंहासन<br>
माँ जिस पर बैठी सुख से<br>
करती थी जग का शासन<br><br>
 
अब काल चक्र की गति से<br>
वह टूट गया सिंहासन<br>
अपना तन मन धन दे कर<br>
हम करें पुन: संस्थापन<br><br>
 
हम करें पुन: संस्थापन<br>
हम करें राष्ट्र आराधन<br><br>
 
हम करें राष्ट्र आराधन<br>
हम करें राष्ट्र आराधन<br>
तन से मन से धन से<br>
तन मन धन जीवन से<br>
हम करें राष्ट्र आराधन<br><br>