भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
बना हुआ है प्रहरी जिसका,
उस कुटीर में क्या धन है।
जिसकी रक्ष् सेवा में रत इसका,
तन है, मन है, जीवन है।
म्रित्युलोक मालिन्य मेटने,
स्वामि संग जो आयी हैं।
तीन लोक की लक्श्मी लक्ष्मी ने,
यह कुटी आज अपनाई है।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits