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Kavita Kosh से
*'''Dr. Kamalkant Budhkarडॉ कमलकान्त बुधकर''' ki kavitaaenकी रचनाऍं, उनके गीत और कविताऍं... * 1. Nau baje tak subah na huiनौ बजे तक सुबह न हुई * 2. Chaitra ki chandni si tumचैत्र की चॉंदनी सी तुम * 3. Saari tapan shant kar di hai .... evam unke dwara rachit anya kavitaaenहर दीपावली पर उनके द्वारा रचित कविता
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