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सुलगती रेत में / अमित कल्ला
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|रचनाकार=अमित कल्ला
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तपती
सुलगती रेत में
पसरा
शिलालेख
करता तुम्हारी प्रतीक्षा
लिखी
जिस पर
कथा
दिशाओं के
विलाप की ।
</poem>
डा० जगदीश व्योम
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