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आपका अनुरोध

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tum phool banoge ya patthar -- आभा द्वारा अनुरोध किया गया है।
 
 
कविताकोश में ’देवराज ’दिनेश’ ’ जी की कमी खल रही है । ७०-८० के दशक में काफ़ी लोकप्रिय मंच के कवि श्री दिनेश जी की कविता
"भारत मां की लोरी" मस्तिष्क में अंकित सी है । पढना चाहूँगा । - अनूप भार्गव