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तब रोक ना पाया मैं आंसू / हरिवंशराय बच्चन
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19:13, 8 सितम्बर 2009
मेरे पूजन-आराधन को<br>
मेरे सम्पूर्ण समर्पण
में
को
,<br>
जब मेरी कमज़ोरी कहकर मेरा पूजित पाषाण हंसा!<br>
तब रोक न पाया मैं आंसू!
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