|रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल
|संग्रह = आखर अरथ / दिनेश कुमार शुक्ल
 
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अब मास्को के उपर
 
तैर रहा होगा सप्तर्षि मंडल
 
हवाई जहाजों के साथ
 
 
अब तुमने बन्द की होंगी 
 
खिडकियां रंगून में
 
 
बताना तो 
 
क्या नाम है अब वियतनाम का
 
 
स्कूलों में क्या
 
माली अब भी तैयार करते हैं
 
फूलों की क्यारियां
 
 
बिल्कुल सच्ची है खबर कि दुबारा
 
फांसी दी जाएगी भगत सिंह को
 
 
लाखों विचार
 
मस्तिष्क के अन्धकार में
 
टिमटिमा रहे हैं
 
इस अमावस की रात
 
मुझे लम्बी यात्रा पर जाना है
 
पढना तुम कल सुबह के अखबार में
 
विदर्भ के किसानों ने
 
शुरू कर दिया है
 
एक बिल्कुल ही नयी
 
कविता सी पृथ्वी का निर्माण...