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{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना भाटिया
|संग्रह=
}}<poemm>मेरे दिल की ज़मीन को सपनो का आकाश चाहिए,
उड़ सकूँ या नही ,किंतु पँखो के होने का अहसास चाहिए......