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* [[रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए / फ़राज़]]
* [[ख़मोश हो क्यों दाद-ए-जफ़ा क्यूँ नहीं देते / फ़राज़]]
* [[क्यूँ तबीअत कहीं ठहरती नहीं / फ़राज़]]