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आरज़ू लखनवी

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*[[ क्यों किसी रहबर से पूछूँ अपनी मंज़िल का पता / आरज़ू लखनवी ]]
*[[ नैरंगियाँ चमन की तिलिस्मे-फ़रेब हैं / आरज़ू लखनवी ]]
*[[ दो घड़ी को दे दे कोई अपनी आँखों की जो नींद / आरज़ू लखनवी ]]