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मेरे उर पर पत्थर धर दो / हरिवंशराय बच्चन
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18:18, 26 सितम्बर 2009
पर क्यों मुझको व्यर्थ चलाओ?
पर क्यों मुझको व्यर्थ बहाओ?
क्यों मुझसे यह भार ढुलाओ? क्यों न मुझे जल में लय कर दो
!
मेरे उर पर पत्थर धर दो!
</poem>
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