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मत मेरा संसार मुझे दो / हरिवंशराय बच्चन
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18:45, 27 सितम्बर 2009
राह दिखा, दे धीरज मन में,
जला मुझे जड़ राख बना दे ऐसे तो अंगार मुझे दो!
मत मेरा संसार मुझे दो
!
योग्य नहीं यदि मैं जीवन के,
जीवन के चेतन लक्षण के,
मुझे खुशी से दो मत जीवन, मरने का अधिकार मुझे दो!
मत मेरा संसार मुझे दो
!
</poem>
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