गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
व्याकुल आज तन-मन-प्राण / हरिवंशराय बच्चन
3 bytes removed
,
09:06, 28 सितम्बर 2009
आज गाने का न दिन है,
बात करना भी कठिन है,
कुंठ
कंठ
-पथ में क्षीण श्वासें हो रहीं लयमान!
व्याकुल आज तन-मन-प्राण
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits