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मोम सा तन घुल चुका / महादेवी वर्मा
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{{KKRachna
|रचनाकार=महादेवी वर्मा
|संग्रह=दीपशिखा / महादेवी वर्मा
}}
'''काव्य संग्रह [[दीपशिखा / महादेवी वर्मा|दीपशिखा]] से'''<br><br>
{{KKCatKavita}}
मोम सा तन घुल चुका अब दीप सा तन जल चुका है। <br>
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