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रुपसि तेरा घन-केश पाश! / महादेवी वर्मा
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|संग्रह=नीरजा / महादेवी वर्मा
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रुपसि तेरा घन-केश पाश!<br>
श्यामल श्यामल कोमल कोमल,<br>
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