गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
गीत गाने दो मुझे / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
No change in size
,
14:26, 19 अक्टूबर 2009
ठाकुरों ने रात लूटे,
कंठ रूकता जा रहा है,
आ रहा है काल
देखे।
देखो।
भर गया है ज़हर से
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,395
edits