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सघन घन का चल तुरंगम चक्र झंझा के बनाये,<br>
रश्मि विद्युत विद्युत् ले प्रलय-रथ पर भले तुम श्रान्त आये,<br>
पंथ में मृदु स्वेद-कण चुन,<br>
छांह से भर प्राण उन्मन,<br>
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