भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=सूरदास
}}
[[Category:पद]]<poem>आजु मैं गाई चरावन जैहों
बृंदाबन के भाँति भाँति फल, अपने कर मैं खैहौं।
ऎसी बात कहौ जनि बारे, देखौ अपनी भांति।
तुम्हारौ कमल बदन कुम्हलैहै, रेंगत घामहिं माँझ।
तेरी सौं मोहि घाम न लागत, भूख नहीं कछु नेक।
सूरदास प्रभु कहयौ न मानत, परयौ आपनी टेक॥</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits