Changes

असमय / सियाराम शरण गुप्त

485 bytes added, 03:57, 1 नवम्बर 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सियाराम शरण गुप्त |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}}<poem>ये जीव-जंत…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सियाराम शरण गुप्त
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>ये जीव-जंतुगण पा कर तीव्र क्लेश,
हैं हो चुके अहह नीरद! भस्म-शेष।
दावाग्नि से जल चुका वन प्रांत सारा,
बरसा रहे अब किस लिये वारि-धारा?</poem>
750
edits