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समुद्र का जबड़ा / अजित कुमार

24 bytes added, 06:18, 1 नवम्बर 2009
{{KKRachna
|रचनाकार=अजित कुमार
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एक बहुत बड़े काले समुद्र के जबड़े ने
जब मुझे सहसा धर दबोचा
प्राण में
बसी है।
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