भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
दोहा
,[[Category:दोहा]]
दोहा छन्द के पहले तीसरे चरण में 13 मात्रायें और दूसरे–चौथे चरण में 11 मात्राएं होती हैं। विषय (पहले तीसरे) चरणों के आरम्भ ''जगण'' नहीं होना चाहिये और सम (दूसरे–चौथे) चरणों अन्त में लघु होना चाहिये।<br><br>
उदाहरण –<br><br>
मेरी भव बाधा हरो¸ हरो, राधा नागरि सोय।<br>जा तन की झाँई परे¸ परे, श्याम हरित दुति होय।। (24 मात्राएं)<br><br> {{KKHindiChhand}}