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* [[नैरंगे रोज़गार में कैफ़े - दवाम देख / फ़िराक़ गोरखपुरी]]
* [[वादे की रात मरहबा, आमदे - यार मेहरबाँ / फ़िराक़ गोरखपुरी]]
* [[ये सबाहत हमनवा कोई नहीं है वो चमन मुझको दिया / फ़िराक़ गोरखपुरी]]* [[बहुत पहले से उन कदमो की जौ महवकां-महचकां आहट जान लेते हैं / फ़िराक़ गोरखपुरी]]
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