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इतना कुछ था / कुंवर नारायण

30 bytes added, 10:00, 4 नवम्बर 2009
|रचनाकार = कुंवर नारायण
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इतना कुछ था दुनिया में
 
लड़ने झगड़ने को
 
पर ऐसा मन मिला
 
कि ज़रा-से प्यार में डूबा रहा
 
और जीवन बीत गया
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