भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार= अमजद हैदराबादी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
नालए-जाने-ख़स्ता-जाँ<ref>निर्बल शरीरवाले दिल की आहें</ref>, अर्शेबरींपै<ref>ईश्वर के समीप तक</ref> जाये क्यों?