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वाम ठहरे सधे बाज़ू
दांव पर सब कुछ लगा है देखने में कुछ नहीं है।
हर तरफ़ आंखें गड़ी हैं
ढूंढती मुस्कान मेरी
लाल कालीनें बिछाते