Changes

|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
 
बस इसलिए कि तुम्हारे देश में हूँ
और तुम मुझे दो मुट्ठी अन्न देते हो
मैंने कुछ भी तो नहीं किया
बस एक निशान छूट रहा था जो लगा दिया।
 
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits